वॉयस ऑफ ए टू जेड न्यूज: औरैया जिले में दिबियापुर क्षेत्र के कनारपुर से मासूम युग के अपहरण के पीछे उसके चाचा, उसकी प्रेमिका व दोस्तों का हाथ सामने आया। पुलिस पूछताछ में मास्टर माइंड ने बताया कि उसने हाल ही में प्रेमिका से शादी की थी। दोनों ऐश की जिंदगी गुजारना चाहते थे। लिहाजा प्रेमिका के साथ मिलकर युग के अपहरण की साजिश रची।
इसके बाद 20 लाख की फिरौती मांगी। मासूम के जागने से होने वाले खतरे से बचने के लिए उसे नींद की गोलियां खिलाकर सुलाते रहे। पूर्व में भी दो बार अपहरण करने में नाकामयाब होने की बात भी स्वीकारी है। पुलिस आरोपियों के अन्य प्रदेशों में आपराधिक इतिहास खंगालने में जुटी है।
मासूम युग के अपहरण में पुलिस ने सक्रियता दिखाते हुए एक ओर जहां किशोर की तलाश जारी रखी तो वहीं दूसरी ओर आरोपियों को अपने जाल में फंसाने के लिए रुपये देने का झांसा दिया। पुलिस ने घटना के 12 घंटों के अंदर बच्चे को तीन आरोपियों संग कासगंज से सकुशल बरामद कर लिया।
पुलिस अधीक्षक चारू निगम ने बताया कि कासगंज में पकड़े गए आरोपी विजय, युवती संपा व राहुल को गिरफ्तार कर लिया गया। जबकि मुख्य आरोपी गोली लगने से अस्पताल में है। वहीं, पांचवा साथी अतुल निवासी पीपरपुर थाना दिबियापुर भाग निकला।
आरोपियों ने बताया कि वह मासूम के चचेरे चाचा विशाल के साथ करीब दो महीने से अपहरण की साजिश रच रहे थे। इस दौरान उन्होंने दो महीने पहले परिजनों के चित्रकूट दर्शन करने जाने के दौरान अपहरण की कोशिश की थी, लेकिन असफल रहे।
तीसरी बार में विशाल ने भतीजे को कई दिन कंचौसी बाजार ले जाकर मिठाई खिलाने की आदत लगाई और उसे समझाया कि जब वह गांव से जाए, तो उसकी बाइक के पीछे भागकर आ जाए। बुधवार को युग बाइक के पीछे भागकर गांव के बाहर आ गया।
इसके बाद अपहरणकर्ताओं ने अपने मंसूबे को अंजाम दे दिया। अपहरणकर्ता बच्चे को लेकर कासगंज चले गए। देर रात पैसों की बात होने पर विशाल बाइक से फिरौती की रकम लेने के लिए तय जगह एरवाकटरा के उमरैन क्षेत्र की ओर निकल गया। इधर एसओजी व थाना पुलिस ने चारों ओर घेराबंदी कर ली। मुख्य आरोपी ने बताया कि अपहरण के पीछे फिरौती का रुपया लेने का उसका उद्देश्य था।
युग को सकुशल देख भावुक हुईं एसपी
बच्चे को सकुशल बरामद करने के बाद औरैया पुलिस टीमें कासगंज पुलिस की मदद से बच्चे को गुरुवार सुबह ककोर स्थित एसपी कार्यालय लेकर पहुंची। जहां बच्चे का मुरझाया हुआ चेहरा देख एसपी ने उसे सीने से लगा लिया। इस दौरान एसपी की आंखें डबडबा गईं। वह बच्चे को गोद में लेकर अपने साथ हॉल में चली गईं। जहां उसे बिस्किट खिलाकर उसे जल्द ही मां के पास पहुंचाने का आश्वासन दिया।
मोबाइल बना खुलासे का अहम सुराग
पुलिस अधीक्षक चारू निगम ने बताया कि आरोपी दिल्ली व उसके आसपास क्षेत्र में कैब चलाने का काम करते थे। जनवरी के महीने में विशाल बस्तर छत्तीसगढ़ गया था। यहां उसने एक युवक से मोबाइल छीना था, जो कि उसके बाद से घटना के तीन दिन पहले जिले में खोला गया। इसके बाद इस नंबर को फिरौती मांगने के लिए खोला गया। आरोपियों ने घटना में पांच मोबाइल फोन का प्रयोग किया। इनकी लोकेशन से ही पुलिस आरोपियों तक पहुंच सकी है।
विशाल की प्रेमिका ने बच्चे को अपने पास रखा
पुलिस अधिकारियों के अनुसार टीम ने बच्चे को आरोपी युवती संपा के पास से बरामद किया था। पूछताछ में संपा ने बताया कि उसने विशाल से हरिद्वार में शादी कर ली थी। बच्चे के अपहरण की साजिश में बच्चे को रोने के ड़र से उसने उसे अपने साथ रखने की योजना बनाई थी। पुलिस हिरासत में आरोपियों ने बताया कि उन्होंने घटना को अंजाम देने के लिए किराए के वाहन का प्रयोग किया है।
जानलेवा बन सकती थी नींद की गोलियां
100 शैया जिला अस्पताल के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. रंजीत कुशवाहा ने बताया कि एक स्वस्थ्य बच्चे को बेवजह नींद की गोली दी जाती है तो वह स्वास्थ्य के बहुत घातक है। नींद की गोली बच्चे के दिमाग को असंतुलित कर सकतीं है। यदि नींद की गोलियां ज्यादा मात्रा में दी जातीं है तो बच्चे की जान पर भी जा सकती थी।